Mahatma Gandhi's son Devdas Gandhi First Pracharak Of The Dakshina Bharat Hindi Prachar Sabha (DBHPS), Editor of The Hindustan Times, 10 January World Hindi Day Special Story, National Hindi Diwas 14 September Special.
Devdas Mohandas Gandhi
Hindi Day Special : महात्मा गाँधी के चौथे एवं सबसे छोटे पुत्र थे देवदास मोहनदास गांधी (22 मई 1900 - 3 अगस्त 1957) अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाईम्स के संपादक थे और 1918 में तमिलनाडु में मोहनदास गांधी द्वारा स्थापित दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा (DBHPS) के पहले प्रचारक भी थे। जानिए पूरी कहानी हिंदी दिवस पर विशेष देवदास गांधी के बारे में स्पेशल स्टोरी।
Dakshin Bharat Ke Hindi Pracharak
दक्षिण भारत के प्रथम हिन्दी प्रचारक देवदास गाँधी
सितम्बर मास में राष्ट्रभाषा का सम्मान याद दिलाने के लिए हिन्दी-दिवस, हिन्दी-सप्ताह, हिन्दी पखवाड़ा का आयोजन बड़े धूमधाम से किया जाता है। इस दिन हिन्दी की प्रगति, हिन्दी प्रसार में आ रही बाधाओं के बहुत विस्तृत चर्चा, गोष्ठियां, सम्मेलनों का राष्ट्रीय स्तर पर आयोजन किये जाते हैं।
स्वतंत्रता के 58 वर्ष बाद भी हिन्दी को उसका अपेक्षित दर्जा नहीं मिल रहा है, इसमें भारत सरकार, राज्य सरकार व जनता दोषी है, जो कि नागरिकों में विदेशी भाषा के प्रति प्रेम को कम नहीं कर पायी है।
आज विश्व में भाषाओं को बोलने व जानने वालों में हिन्दी का प्रथम स्थान है, संख्या बल के कारण हिन्दी 'विश्व भाषा' बन रही है। बहुराष्ट्रीय कम्पनियों पर आर्थिक व व्यावसायिक दबाव है, इसीलिये वे हिन्दी को अपना रहे हैं। कंप्यूटरों इन्टरनेट, वेब पर हिन्दी का प्रयोग धडल्ले से हो रहा है। विश्व के सभी प्रमुख शहरों से हिन्दी की प्रत्रिकाएं छप रही है। अतः हिन्दी का विश्व व्यापी प्रचार हो रहा है।
हम इस शुभ अवसर पर दक्षिण भारत के 'प्रथम हिन्दी प्रचारक' देवदास गाँधी को भी याद करते हैं। इन्होंने दक्षिण भारत में हिन्दी का पोधा रोपा था एवं सर्वप्रथम हिन्दी-शिक्षण शुरु किया था।
वर्ष 1918 में हिन्दी साहित्य सम्मेलन का इन्दौर में अधिवेशन हुआ था जिसके महात्मा गाँधी अध्यक्ष थे। इस सम्मेलन में यह प्रस्ताव पारित किया कि "हिन्दी को राष्ट्रभाषा के रूप में दक्षिण में प्रचारित किया जाये।"
इस प्रस्ताव को क्रियान्वित करने के लिए गाँधी जी ने. अपने सबसे छोटे एवं मेघावी पुत्र देवदास गाँधी को 18 वर्ष की उम्र में मद्रास भेज दिया। देवदास गाँधी ने पिता की आज्ञा मानकर राष्ट्रीय कर्त्तव्य का निर्वाह किया।
1918 के मई माह में मद्रास के गोखले हाल में प्रथम हिन्दी वर्ग शुरू हुआ। इसका उद्घाटन डॉ. एनी बेसेन्ट ने किया। इस सभा की अध्यक्षता सर सी. वी. रामास्वामी अय्यर ने की थी।
देवदास ने निरन्तर प्रयत्न से जनता हिन्दी की ओर आकृष्ट हुई, शहर के गणमान्य सज्जन हिन्दी सीखने लगे, मद्रास के सुप्रसिद्ध दैनिक 'हिन्दू' ने भी मद्रास के हिन्दी प्रचार का समर्थन किया व देवदास गाँधी के सहयोग का माध्यम बना।
हिन्दी के प्रचार में उनका संकल्प, श्रम व समर्पण भाव आज के प्रचारकों के लिए अनुकरणीय है। आज दक्षिण भारत में जितने लोग अंग्रेजी जानते हैं, उनसे छः गुना ज्यादा लोग हिन्दी जानते हैं। देवदास के प्रयत्न से शुरू किया गया कार्य अब दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा मद्रास द्वारा किया जा रहा है, यह संस्था हिन्दी में पी एच.डी. तक की शिक्षा प्रदान कर दक्षिण के नागरिकों को हिन्दी सीखा रही है।
हिन्दी का प्रचार कार्य का गाँधी जी ने सोलह रचनात्मक कार्यों की सूची में रखा था, लोग राष्ट्र की मुख्य धारा से जुडने के लिए निरन्तर हिन्दी सीखे रहे हैं।
भाषा के द्वारा ही व्यक्तित्व का वास्तविक-विकास, सौन्दर्यनुभूति की क्षमता, सृजनात्मक शक्ति का उन्नयन, जीविकोपार्जन की क्षमता, नागरिक गुणों का पोषण तथा सांस्कृतिक चेतना की अभिव्यक्ति होती है भाषा के विकास के साथ है संस्कृति का विकास होता है। भाषा का विकास संकल्प शक्ति के आधार पर ही होता है।
- दर्शनसिंह रावत
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