Hindi Motivational Realistic Ghazal Gardish-e-Zamaana by Pushpa Rao 'Rida', Hindi Ghazal Kosh, Poetry in Hindi The cycle of time, Ghazal Passage Of Time Hindi.
Gardish-e-Zamaana
Ghazal in Hindi : पढ़िए हिन्दी में खूबसूरत ग़ज़ल गर्दिश-ए-ज़माना (گردِشِ زمانہ), आजके समाज की सच्चाई को बेनकाब करती ग़ज़ल गर्दिश-ए-ज़माना, सच और झूठ के अंतर पर लिखी गई बेहतरीन हिंदी ग़ज़ल (Hindi Ghazal) गर्दिश-ए-ज़माना पढ़िए और शेयर कीजिए।
Hindi Ghazal - Gardish-e-Zamaana
गर्दिश-ए-ज़माना
आज गर्दिश में ये ज़माना है।
उल्टी राह चलने को दीवाना है।।
आज न बच्चों का लिहाज़
उम्दा भाव मन में कुछ जगाना है।।
अंधी दौड़ चल पड़ी है दौलत की।
खोई गैरव जो, फिर से लाना है।।
धोखों घोटालों का है बाजार गर्म ।
कैसे भी रब का डर दिलाना है।।
सच्चे झूठे का फ़र्क मिटता सा है आज 'रिदा'
जज़्बा पाकीज़गी का अब खुदा से पाना है।।
- पुष्पा राव 'रिदा'
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