मजेदार बाल कविता : नौ सौ चूहे खाकर

Dr. Mulla Adam Ali
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Hindi Intresting Children's Poem Nau Sau Choohe Khaa Kar by Manoj Jain Madhur, Kids Poems in Hindi Eat Nine Hundred Rats, Bal Kavita In Hindi.

Nau Sau Choohe Khaa Kar 

nau sau chuhe khakar billi kavita

नौ सौ चूहे खाकर : बच्चों के लिए मनोज जैन 'मधुर' की बाल कविता नौ सौ चूहे खाकर आज आपके लिए प्रस्तुत है। इस कविता में हास्य और व्यंग बहुत सुन्दर निरूपण है और रोचक विषयवस्तु और सुगठित शिल्प से सजी गुदगुदाती बाल कविता रोचक मनोरंजक लयबद्ध बालसुलभ मनभावन गीत नौ सौ चूहे खाकर। कविता में सांप्रदायिक सद्भावना का अच्छा संदेश भी है, बाल मन के पूर्णतः अनुकूल है ये बाल गीत नौ सौ चूहे खाकर, पढ़े और शेयर करें।

Manoj Jain Madhur Poetry

नौ सौ चूहे खाकर


हज से लौट रही बिल्ली ने,

मन की बात बताई।

आखिर कुछ तो करना होगा,

तब होगी भरपाई।


हार गले में पहनूँगी मैं,

कर में होगी माला।

राम नाम का ओढ़ रखूँगी

खुश हो नया दुशाला।

लोग मुझे देने आएंगे,

चलकर यहाँ बधाई।


सारी दुनिया मुझे कहेगी,

मौसी मेरी हाजी।

स्वागत करने हँसी खुशी

सब हो जाएंगे राजी।

माँगे कोई एक बढ़ाकर,

दूँगी उसको ढाई।


तुनक मिज़ाजी बिल्ला बोला,

मतकर गड़बड़ झाला।

अपने सब रख प्लान पास में

जड़ ले मुँह पर ताला। 

नौ सौ चूहे खाकर खुद की,

करने चली बड़ाई।


- मनोज जैन 'मधुर'

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