Makar Sankranti Poem : मकर संक्रांति पर मधु माहेश्वरी की हिंदी कविता

Dr. Mulla Adam Ali
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Makar Sankranti Par Kavita

मकर सक्रांति

मकर सक्रांति का दिन आया।

खुशियों की झोली भर लाया।।


माॅं ने तिल रेवड़ी बनाईं।

हम बच्चों के मन अति भाईं।।


पतंग मांझा पापा लाए।

चकरी रामू चाचा लाए।।


आओ मोहन सोहन आओ।

संग अपनी बहन को लाओ।।


आच्छादित देखो नभ सारा।

रोशन करता टुक्कल प्यारा।।


नील गगन में उड़ती पतंग।

देख-देखकर सब रहे दंग।।


- मधु माहेश्वरी 

सेवा निवृत्त प्राध्यापिका 

सलूंबर राजस्थान

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