बाल गीत : आओ मिलजुल खेलें खेल

Dr. Mulla Adam Ali
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Aao Milkar Khelen Khel

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Bal Kavita : Bachhon Ka Khel

आओ मिलजुल खेलें खेल


सोनू मोनू सीता गीता,

आओ मिलजुल खेलें खेल।


मोनू तुम टीचर बन जाओ,

हम बनते हैं बच्चे।

जो भी प्रश्न करेंगे उनके,

उत्तर देना सच्चे।


खुली हवा में उठकर के क्यों,

घूमा करती नानी।

क्या कहता है हमसे बोलो,

कल कल बहता पानी।


अच्छे प्रश्न किये हैं सबने,

हमें ध्यान से सुनना।

उत्तर सुनना बड़े गौर से,

मन ही मन में गुनना।


जो सुख मिलता खुली हवा में,

मिलता नहीं दवा में।

इसीलिये घूमा करती है,

नानी खुली हवा में।


मुश्किल की चट्टान हमारा,

रोक न पाती रस्ता।

बाकी उत्तर में कल दूँगा,

बन्द करो अब बस्ता।


- मनोज जैन 'मधुर'

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