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Aao Milkar Khelen Khel
आओ मिलजुल खेलें खेल : बालमन की सुन्दर प्रेरणादायक गीत आओ मिलजुल खेलें खेल, पढ़िए मनोज जैन मधुर की बाल कविता। बच्चों के लिए सरल व आसान शब्दों में सुंदर रचना आओ मिलजुल खेलें खेल, पढ़े और शेयर करें।
Bal Kavita : Bachhon Ka Khel
आओ मिलजुल खेलें खेल
सोनू मोनू सीता गीता,
आओ मिलजुल खेलें खेल।
मोनू तुम टीचर बन जाओ,
हम बनते हैं बच्चे।
जो भी प्रश्न करेंगे उनके,
उत्तर देना सच्चे।
खुली हवा में उठकर के क्यों,
घूमा करती नानी।
क्या कहता है हमसे बोलो,
कल कल बहता पानी।
अच्छे प्रश्न किये हैं सबने,
हमें ध्यान से सुनना।
उत्तर सुनना बड़े गौर से,
मन ही मन में गुनना।
जो सुख मिलता खुली हवा में,
मिलता नहीं दवा में।
इसीलिये घूमा करती है,
नानी खुली हवा में।
मुश्किल की चट्टान हमारा,
रोक न पाती रस्ता।
बाकी उत्तर में कल दूँगा,
बन्द करो अब बस्ता।
- मनोज जैन 'मधुर'
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