NTA/UGC-NET Unit 6 Hindi Novel Devrani Jethani Ki Kahani book by Pandit Gauri Dutt, Hindi Upanyas Samiksha, Hindi Literature.
Devrani Jethani Ki Kahani
हिंदी उपन्यास : Novels / UGC NET / Hindi यूजीसी (नेट-जेआरएफ) हिंदी साहित्य इकाई 6 हिंदी उपन्यास के अंतर्गत पंडित गौरीदत्त द्वारा रचित उपन्यास "देवरानी जेठानी की कहानी" (best seller books) की समीक्षा, उपन्यास से संबंधित प्रश्नोत्तरी, उपन्यासकार गौरीदत्त परिचय आदि के बारे में जानकारी दी गई है।
पंडित गौरीदत्त / Pandit Gauri Dutt
हिंदी व देवनागरी के महान सेवक, मेरठ में ‘नागरी प्रचारिणी सभा‘ की स्थापना करने वाले पंडित गौरीदत्त (1836 - 8 फ़रवरी 1906) का हिंदी भाषा और साहित्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। पंजाब प्रदेश के लुधियाना में जन्मे पंडित गौरीदत्त ने पत्रकार और संपादक के रूप में देवनागरी लिपि के प्रचार प्रसार में अहम भूमिका निभाई है। डॉ. गोपालराय के अनुसार हिन्दी के प्रथम उपन्यास के रचयिता पंडित गौरीदत्त है, इनका उपन्यास 'देवरानी जेठानी की कहानी' (1870) को हिंदी का प्रथम उपन्यास का दर्जा दिया गया है।
देवरानी जेठानी की कहानी / Devrani Jethani Ki Kahani
'देवरानी जेठानी की कहानी' (1870) उपन्यास डॉ. गोपालराय के अनुसार हिंदी का पहला उपन्यास (hindi novel) है, देवरानी जेठानी की कहानी उपन्यास के उपन्यासकार पंडित गौरीदत्त है। इस उपन्यास की खासियत यह है कि उपन्यासकार ने बाल विवाह, विवाह में फिजूलखर्ची, स्त्रियों की आभूषणप्रियता, बंटवारा, वृद्धों, बहुओं की समस्या, शिक्षा, स्त्री-शिक्षा आदि समस्याओं का वर्णन और मध्यवर्गीय बनिया समाज के जीवन का यथार्थ चित्रण भी किया है।
देवरानी जेठानी की कहानी उपन्यास के प्रमुख पात्र
सर्वसुख : इस उपन्यास का मुख्य पात्र मेरठ शहर में रहनेवाला एक अग्रवाल बनिया सर्वसुख उपन्यास का नायक है, इसके दो लड़कियाँ (पार्वती और सुखदेई) तथा दो लड़के (दौलतराम और छोटे) है।
दौलतराम : सर्वसुख का बड़ा बेटा दौलतराम है, पत्नी का नाम ज्ञानो।
छोटे लाल: सर्वसुख का छोटा बेटा, सब इसे छोटे बुलाते हैं, छोटे की पत्नी का नाम आनंदी।
आनंदी (देवरानी) : छोटेलाल की पत्नी आनंदी इस उपन्यास की प्रमुख नारी पात्र है, शिक्षित और समझदार के रूप में इस पात्र का परिचय है।
ज्ञानो (जेठानी) : सर्वसुख का बड़ा बेटा दौलतराम की पत्नी और घर की बड़ी बहू ज्ञानो है, अनपढ़ और देवरानी की आलोचना करने वाली उपन्यास की पात्र है।
अन्य पात्र : कन्हैया, नन्हें, मोहन, शिवदयाल, ज्ञानचंद, तहसीलदार, वंशीधर कबाड़ी, डूंगर, रामप्रसाद, गंगाराम, मुंशी टिकत नारायण तथा हरसहाय (शहर के अमीर) आदि।
'देवरानी जेठानी की कहानी' उपन्यास की समीक्षा
देवरानी जेठानी की कहानी उपन्यास में 'सर्व सुख' नाम का एक बनिया है, जिसके दो पुत्र (दौलतराम और छोटेलाल) तथा दो पुत्रियाँ (पार्वती और सुखदेई) हैं। ज्ञानो (जेठानी) सर्व सुख परिवार की बड़ी बहू और दौलतराम की पत्नी है, छोटी बहू आनंदी छोटेलाल की पत्नी है तथा पढ़ी-लिखी तथा समझदार पात्र है।
- बड़ी बहू ज्ञानो लालची स्वभाव की है, अनपढ़ तथा सदैव देवरानी की आलोचना करती है।
- छोटी बहू पढ़ी-लिखी समझदार तथा धन संपत्ति पर जिसे कोई लालच नहीं है।
- ज्ञानो अपने पति और सास को छोटी बहू के खिलाफ भड़काकर घर का बंटवारा करवा दिया।
- मंडी की दुकान दौलतराम के हिस्से में और छोटेलाल के हिस्से में हवेली आने वाली बात पर भी ज्ञानो असंतुष्ट दिखाई देती है, उपन्यास के अंत तक जेठानी का स्वार्थ स्वभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।
- तत्कालीन समाज में बाल विवाह की प्रथा होने के बावजूद भी छोटेलाल और छोटी बहू अपने पुत्रों का बाल विवाह न करवाकर उन्हें शिक्षित किया।
- छोटेलाल की बहू के प्रयासों से मामा की बेटी (बाल विधवा जिसका नौ वर्ष की आयु में विवाह हुआ था, पति की मौत हो गई) का पुनर्विवाह कराया गया।
- देवरानी जेठानी की कहानी की भाषा में जनभाषा से सहज जुड़ाव, किस्सागोई शैली, लोकभाषा का प्रयोग किया गया है।
पंडित गौरीदत्त का उपन्यास ‘देवरानी-जेठानी की कहानी’ से UGC NET Hindi Paper 2 में अक्सर पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण सवाल। MCQ Quiz in Hindi.
उपन्यास – प्रश्नोत्तरी
1. ‘देवरानी-जेठानी की कहानी’ का प्रकाशन कब हुआ था?
A.1860
B. 1870
C. 1882
D. 1890
2. ‘देवरानी-जेठानी की कहानी’ की विधा क्या है?
A. आलोचना
B. कहानी
C. उपन्यास
D. आत्मकथा
3. ‘देवरानी-जेठानी की कहानी’ उपन्यास का मुख्य विषय क्या है?
A. बाल विवाह
B. विवाह में फिजूल खर्ची
C. स्त्रियों की आभूषण प्रियता
D. उपर्युक्त सभी
4. कौन सा शहर ‘देवरानी-जेठानी की कहानी’ की कथावस्तु के केंद्र में है?
A. वाराणसी
B. मेरठ
C. दिल्ली
D. लखनऊ
6. हिंदी का प्रथम मौलिक उपन्यास ‘देवरानी जेठानी की कहानी’ मानने वाले आलोचक हैं?
A. डॉ. गोपालराय
B. डॉ. पुष्पपाल सिंह
C. डॉ. बच्चन सिंह
D. डॉ. विजय शंकर
सभी प्रश्नों के उतर; 1. B. 1870 2. C. उपन्यास 3. D. उपर्युक्त सभी 4. B. मेरठ 5. A. डॉ. गोपालराय
FAQ;
1. ‘देवरानी-जेठानी की कहानी' को हिन्दी का पहला उपन्यास मानने वाले उपन्यासकार कौन है.
Ans. ‘देवरानी-जेठानी की कहानी' डॉ. गोपालराय के अनुसार हिंदी का प्रथम उपन्यास है।
2. ‘देवरानी-जेठानी की कहानी' उपन्यास की अंतर्वस्तु है?
Ans. ‘देवरानी-जेठानी की कहानी' उपन्यास की अंतर्वस्तु है a. तत्कालीन समाज का स्पष्ट चित्रण b. पुनर्जागरण की चेतना से सीधा जुड़ना।
3. उन्नीसवीं शताब्दी के मध्यवर्गीय बनिया समाज के जीवन का यथार्थ चित्रण किस उपन्यास में किया गया है।
Ans. ‘देवरानी-जेठानी की कहानी' उपन्यास में उन्नीसवीं शताब्दी के मध्यवर्गीय बनिया समाज के जीवन का यथार्थ चित्रण किया गया है।
4. ‘देवरानी-जेठानी की कहानी' उपन्यास के उपन्यासकार कौन हैं?
Ans. ‘देवरानी-जेठानी की कहानी' (1870) उपन्यास के उपन्यासकार पंडित गौरीदत्त है।
5. ‘देवरानी-जेठानी की कहानी' उपन्यास की भाषा क्या है?
Ans. देवरानी जेठानी की कहानी की भाषा में जनभाषा से सहज जुड़ाव, किस्सागोई शैली, लोकभाषा का प्रयोग किया गया है।
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