आकर्षण : रितु वर्मा की हिंदी कविता

Dr. Mulla Adam Ali
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Ritu Verma Poetry in Hindi

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हिन्दी कविता आकर्षण : हिन्दी कविता कोश में प्रस्तुत है रितु वर्मा की हिंदी कविता आकर्षण (Hindi आकर्षण Poems) पढ़िए ये खूबसूरत आकर्षण पर लिखी गई हिन्दी कविता और शेयर कीजिए। (poem on attraction in hindi)

Aakarshan Kavita In Hindi

आकर्षण


क्या किसी से आकर्षित होकर 

उसके प्रेम में पड़ जाना 

क्या इतना भी जरूरी है?

साथ चलते-चलते पल में 

उसके साथ राह बदल लेना 

क्या ये करना भी जरूरी है,

प्रेम में एक-दूजे को समझने से पहले

एक-दूसरे पर संदेह करना 

क्या इतना भी जरूरी है?

भरोसा और सम्मान भरे रिश्ते में 

कड़वाहट का बीज बो देना 

क्या इतना भी जरूरी है?

सुलझे हुए रिश्ते में 

तनाव के गांठें बाँधना भी 

क्या इतना भी जरूरी है?

साथ-साथ चलते-चलते 

यूँही कदम पीछे कर लेना 

क्या इतना भी जरूरी है?

खालीपन को जीवन से दूरकर 

फिर से अचानक अकेलेपन से रूबरू कराना

क्या इतना भी जरूरी हैं?

नजरों से करीब होकर 

मन से बेहद दूर हो जाना

क्या ये करना भी जरूरी हैं?


- रितु वर्मा

नई दिल्ली

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