यमराज की मुसीबत : हिंदी कहानी - बद्री प्रसाद वर्मा अनजान

Dr. Mulla Adam Ali
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Yamraj Ki Musibat

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हिंदी कहानी : पढ़िए बद्री प्रसाद वर्मा अनजान की लिखी रोचक हिंदी कहानी यमराज की मुसीबत, कहानी यमराज की बहुत ही रोचक ढंग से अच्छे संदेश के साथ लिखी गई है। कहानी यमराज का उपाय पढ़िए और शेयर कीजिए।

Hindi Kahani: Yamraj Ka Upay

यमराज की मुसीबत

एक रोज यमराज अपने यम लोक का भ्रमण कर रहे थे। यम लोक में मनुष्यों की इतनी भीड़ देख कर सोच में पड़ गए यमलोक में यह मुसीबत कहां से आ गई । 

यमराज सोच में पड़ गए आखिर हमारे यम लोक में अचानक इतने लोगों की भीड़ कैसे जुट आई। 

यमराज ने तुरंत अपने मंत्री को बुलाकर पूछा तुम इतने लोगों को यमलोक में कैसे बुला लिया हमसे पूछा भी नहीं क्या इन सब लोगों की आयु पुरी हो चुकी थी। जो यहां उठा लाए।

यमराज की बात सुनकर मंत्री ने कहा महाराज आप यहां जितने भी लोगों को देख रहे हैं उनमें एक भी अपनी मौत से नहीं आये हैं। यह सब लोग स्त्री पुरुष और बच्चे आत्महत्या कर के यम लोक में आ गए हैं। मौत से यह लोग डरने वाले नहीं हैं। हम किसी को यहां नहीं लाए हैं। 

अरे मैं यह क्या सुन रहा हूं क्या मृत्यु लोग में आत्महत्या करने की बाढ़ सी आ गई है?"

यमराज के मंत्री ने कहा महाराज आज मृत्यु लोक में लोग रोज आत्महत्याएं कर रहे हैं और आत्महत्या कर के सीधे यमलोक में चले आ रहे हैं। 

मंत्री हमें इसका कोई जरुरी उपाय निकालना होगा वर्ना यम लोक में भी यह लोग रहकर यहां के लोगों को आत्महत्या करना सीखा देंगे। 

 महाराज आप का कहना तो ठीक है, मगर कोई ऐसा उपाय नजर नहीं आ रहा है जिससे मृत्यु लोक में आत्महत्या करना रुक जाए। 

मेरी राय है कि आप यमलोक के सारे दरवाजों पर पहरा लगवा दीजिए। और जो भी आत्महत्या कर के आए उसे तुरंत लौटा दिया जाए। 

इससे आत्महत्या करने वाले जिन्दा हो जाएंगे और फिर आत्महत्या नहीं करेंगे। 

मंत्री तुम्हारी बात बहुत सही है । हमें इसे तुरंत लागू कर देना चाहिए ताकी लोग आत्महत्या करने के बाद भी जिन्दा हो जाएं और यमलोक न आ सकें।

यमराज की बात सुनकर मंत्री ने कहा महाराज आप कहें तो आज से ही पहरेदारों को हर दरवाजे पर लगा दे ताकी आत्महत्या करने वाले वापस लौट जाएं और यमलोक न आ सकें।

 मंत्री तुम एक काम करो आज से ही पहरेदारों को हर दरवाजे पर लगा दो ताकी आत्महत्या करने वाले यहां से लौटकर जिन्दा हो जाएं। 

और जो लोग यहां आ गए हैं उनको भी यहां से मृत्यु लोक भेज दिया जाए ताकी यमलोक में आत्महत्या करने वाले नजर न आएं। और हमारी मुसीबत को न बढ़ा पाएं।

यमराज की बात सुनकर मंत्री ने तुरंत यमलोक के सारे दरवाजों पर पहरा लगवा दिया। और जो भी आत्महत्या कर के आए थे उनको एक एक कर के वापस मृत्यु लोक भेज दिया गया। 

मरे लोगों को जिन्दा पा कर उनके घर के लोग उनको भूतप्रेत समझकर घर में नहीं हलने दे रहे थे। 

मृत्यु लोक में भी मरे लोगों के आने से चारो तरफ हाहाकार मच गई। 

हार मानकर घर वालों को मरे लोगों को घर में शरण देना ही पड़ा। 

यमराज के फरमान से मृत्यु लोक में अचानक लोगों ने आत्महत्या करना छोड़ दिया। अचानक मृत्यु लोक में आत्महत्या की घटनाएं घटनी पुरी तरह बंद हो गई। इससे हर तरह से बे मौत मरने वाले लोगों की मौत होनी रुक गई। 

यम के दूत मृत्यु लोक आ कर लोगों को आत्महत्या न करने की बात समझाने लगे ।और साफ साफ बता दिया कि अब जो भी आत्महत्या करेगा उसे मरने के बाद फिर जिन्दा होना पड़ेगा। उसे स्वर्ग और नर्क में कहीं भी जगह नहीं मिलेगी। इसलिए सभी लोग अपने मन से आत्महत्या करने की बात निकाल दे।

इससे आत्महत्या पर पुरी तरह काबू मिल जाएगी और यमलोक वही जा पाएगा जिसकी आयु पुरी हो जाएगी। 

यमलोक में अब कोई मुसीबत नहीं पैदा कर सकता है। यमदूत लोगों को समझा कर वापस यमलोक लौट गए।

- बद्री प्रसाद वर्मा अनजान 

गोला बाजार, गोरखपुर उ. प्र.

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