Hindi Beautiful Poem on Sun by Badri Prasad Verma Anjan, Suraj Raja Hindi Kavita, Poetry in Hindi for Childrens.
Poem on Sun in Hindi
सूरज राजा कहां छुप गए हिंदी कविता : सर्दियों में सूरज कम से कम दिखाई देता है, सूरज का दर्शन होता नहीं है। सूरज की गर्मी के लिए लोग राह देखते रहते है ताकि ठंड से बच सके, कविता सूरज राजा कहां छुप गए में कवि ने सूरज के इंतजार को लेकर बेहतरीन शब्दों में बताया है। पढ़ें बद्री प्रसाद वर्मा अनजान की कविता (poem on sun) और शेयर करें।
Suraj Raja : Hindi Kavita
सूरज राजा कहां छुप गए
सर्दी जब आई तब से
सूरज राजा कहां छुप गए।
दर्शन नहीं देते हो दिन भर
राह में तुम कहां रुक गए।
तेरी गर्मी कहां गई सब
ठंडी से क्या तुम डर गए।
धूप तुम्हारी कहां गई सब
कोंहरे से तुम क्या डर गए।
थर थर सारे लोग कांप रहे
क्या इनको तुम भूल गए।
झलक दिखाकर अपनी
बादलों में क्यों छुप गए।
क्या तुमको भी सर्दी लग गई
नहीं खबर कोई दे गए।
अब तो सारे लोग परेशान
इनकी सूध लेना तुम भूल गए।
जब भी जाड़ा आता है
तुम भी कांपने लग गए।
थोड़ी सी अपनी गर्मी
देना कैसे तुम भूल गए।
- बद्री प्रसाद वर्मा अनजान
गोरखपुर (उ.प्र.)
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