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Uttam Kumar Tiwari Ki Kavita : Tum Kaho To
Hindi Kavita Tum Kaho To : हिन्दी कविता कोश में प्रस्तुत है उत्तम कुमार तिवारी "उत्तम" की कविता तुम कहो तो, पढ़िए और शेयर कीजिए।
Uttam Kumar Tiwari Poetry
तुम कहो तो
तुम कहो तो तुमसे प्यार करूँ
आते जाते तुमसे कुछ बात करूँ ।
खो जाऊं तेरी बाहो मे
ऐसी कोई इक रात करूँ ।
तुम ढक लो अपनी जुल्फों से
जब सघन घटा घिर आये
तब अपने प्रेम की बूदों से
रिमझिम रिमझिम बरसात करो ।
रस बूँदे तुम बरसाती हो
भर नव उमंग तुम लाती हो ।
मेरे सूखे जीवन पथ पर
तुम हरित भूमि को लाती हो ।।
काली घटा सी मुझ पर छाव करो ।।
अपने हिय प्रेम को देकर तृप्त करो
रख दो दहकते अधरों को
मेरे अधरों की शीत हरो ।।
मेरे तन की व्याकुल प्यास को तुम
अपने रज तेज से तृप्त करो
उस महामिलन अतृप्त रात्रि को
इस प्रेम मिलन से तृप्त करो ।।
- उत्तम कुमार तिवारी "उत्तम"
लखनऊ, उत्तर प्रदेश
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