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Poem on Mela in Hindi
Hindi मेला Poems : आज आपके लिए कविता कोश में प्रस्तुत है मेला के विषय पर हरीश सेठी 'झिलमिल' की बेहतरीन बाल कविता, मेले में जाना बच्चे बहुत पसंद करते है, क्योंकि बच्चों के मनोरंजन के लिए मेले में कई साधन होते हैं, बच्चे मेले में खूब मस्ती करते हैं, खेलते है, घूमते हैं और अपने मनपसंद खिलौने खरीदते है। मेले में जाने से बच्चों को मनोरंजन मिलता है साथ में ज्ञानवर्धक भी होता है मेला, अलग-अलग जगहों पर घूमने से सामुदायिक एकता का भाव भी बढ़ता है, चलिए मेले के विषय पर आधारित रोचक बाल कविता पढ़ते हैं।
Mela Par Bal Kavita
मेला : बाल कविता
रंग-बिरंगा मेला देखा।
ट्रैक्टर देखा, ठेला देखा।।
गुल्लक थी वो प्यारी-प्यारी।
ऊँट की हमने की सवारी।।
पानी में फिर नाव चलाई।
चाट पकौड़ी जी भर खाई।।
बच्चे सभी झूमते देखे।
जोकर वहाँ घूमते देखे।।
झूले में सभी हुए सवार।
एक सीट पर बच्चे चार।।
जादूगर ने खेल दिखाया।
मेला हमको बेहद भाया।।
वापस मेले से जब आए।
अपने संग खिलौने लाए।।
- हरीश सेठी 'झिलमिल'
सिरसा (हरियाणा)
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