Hindi New Poetry Collection Neeli Jheel book by Nidhi Maansingh, Nayi Kitab in Hindi, Kavita Sangrah Neeli Jheel in Hindi.
Neeli Jheel : Kavya Sangrah
नई पुस्तक : निधि मानसिंह जी का पहला काव्य संग्रह 'नीली झील' के प्रकाशन पर पुस्तक की जानकारी, कवयित्री निधि मानसिंह की अपनी बात और ऋषभदेव शर्मा जी द्वारा लिखी गई महत्वपूर्ण भूमिका पढ़िए।
- पुस्तक का नाम : नीली झील
- विधा : काव्य-संग्रह
- कवयित्री : निधि 'मानसिंह'
- प्रकाशक : श्री नर्मदा प्रकाशन
- मूल्य : ₹ 250
- भूमिका : ऋषभदेव शर्मा
प्रिय दीदी 'निधि मानसिंह' जी,
आपकी पहली पुस्तक (नीली झील) प्रकाशित होने पर दिल से बधाई! यह एक बड़ी उपलब्धि है, और मुझे यकीन है कि आपकी मेहनत, समर्पण, और रचनात्मकता ने इसे संभव बनाया है। आपकी लेखनी में जो विशेषता और गहराई है, वह निश्चित रूप से पाठकों को प्रभावित करेगी। यह सिर्फ एक शुरुआत है, और मैं पूरी उम्मीद करता हूं कि आप आगे और भी शानदार किताबें लिखेंगे।
आपकी इस यात्रा के और अधिक सफल होने की कामना करता हूं।"
- डॉ. मुल्ला आदम अली
मेरे मन के भाव : निधि 'मानसिंह'
मेरी लेखनी पर सर्वदा माँ सरस्वती व गणेश जी कृपादृष्टि बनी रही। प्रथम पूजनीय गणेश जी और माँ सरस्वती के आशिर्वाद के बिना कोई भी विद्या अधूरी है। उन दोनों की असीम कृपा से ही मेरा काव्य सृजन पूर्ण हो पाया। मैं निधि 'मानसिंह' गणेश जी से प्रार्थना करूंगी कि वो मेरे प्रिय पाठकों पर अपना आशीर्वाद और कृपा सदैव बनाए रखें।
मैंने अपनी समस्त रचनाओं में प्रयास किया है कि वो मेरे प्रिय पाठकों के हृदय को छू सकें। प्रकृति, नारी, समाज, प्रेम, करूणा आदि पर लेखनी चलाकर मैने अपनी कविताओं के माध्यम से अपनी बात, अपने मन के भाव, अपने पाठकों के समक्ष कहने का प्रयास किया है।
"नीली झील" मेरा प्रथम काव्य संग्रह है और इसमें मैंने पूर्ण प्रयास किया है कि मैं अपने पाठकों के हृदय में अपने लिए स्थान बना सकूं। मेरे काव्य लेखन में मेरे आदरणीय पति डॉ. श्री मानसिंह जी सदैव वटवृक्ष की भांति मेरे साथ खड़े रहे। उनके प्रेम और सहयोग का मैं हृदय तल की गहराईयों से आदर करती हूँ। मेरी पूजनीय माता जी श्रीमति कमलेश देवी जिन्होंने सदैव मुझे पढ़ने के लिए प्रेरित किया। उन्हीं के संघर्ष और कठिन प्रयासों का फल है कि मैं आज यहाँ तक पहुँचने में सफल हुई। मेरे परम मित्र सीनियर लोको पायलेट कुनाल मीना ने भी कदम-कदम पर मेरा साहस बनाए रखा और हमेशा मुझे लिखने के लिए प्रेरित करते रहे। सबसे ज्यादा मैं आदरणीय डॉ. ऋषभ देव सर जी की आभारी हूं जिन्होंने अपने व्यस्त समय में से समय निकाल कर मेरे काव्य संग्रह के लिए भूमिका लिखी।
मैं श्री नर्मदा प्रकाशन त्रिवेणी नगर लखनऊ और आदरणीय श्री सत्यम बघेला जी का हृदय से आभार व्यक्त करती हूँ। जिन्होंने मेरी रचनाओं को एक सुंदर स्वरूप देकर पुस्तक के रूप में प्रकाशित कर प्रस्तुत किया है। धन्यवाद।
- निधि 'मानसिंह'
भूमिका : ऋषभदेव शर्मा
निधि मान सिंह के प्रस्तुत काव्य संग्रह 'नीली झील' (2025) का प्रथम अवलोकन ही कवयित्री की भावयित्री और कारयित्री प्रतिभा का सहज अहसास कराने में समर्थ है। इस संग्रह में उन्होंने भारतीय समाज, संस्कृति और मानव मनोभावों की विविध झलकियों को एक धारा में समेटने का सफल प्रयास किया है। यह संग्रह पाठकों को न केवल काव्यात्मक सौंदर्य का अनुभव कराएगा, बल्कि जीवन के अनेक पहलुओं पर गहन चिंतन के लिए भी प्रेरित करेगा। कवयित्री ने अपनी कविताओं के माध्यम से जीवन, प्रकृति, प्रेम, संघर्ष और अध्यात्म जैसे विषयों को बड़ी ही कुशलता से प्रस्तुत किया है। संग्रह में भाव, विचार और अभिव्यक्ति का अनूठा समन्वय प्रशंसनीय है।
'नीली झील' की कविताओं को कथ्य की दृष्टि से, प्रमुख रूप से प्रकृति और पर्यावरण, प्रेम और संवेदनाएँ, समाज और संस्कृति, जीवन दर्शन तथा अस्तित्व चिंतन जैसे पाँच वर्गों में रखा जा सकता है।
कवयित्री ने प्रकृति के विभिन्न रूपों को अत्यंत संवेदनशीलता के साथ चित्रित किया है। 'नीली झील', 'हे तरंगिणी', 'धवल चाँदनी' और 'अलसाती सुबह' जैसी कविताएँ प्रकृति के प्रति कवयित्री की गहन संवेदना और प्रकृति-संरक्षण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को व्यक्त करती हैं। इनमें प्रकृति और मन बिंब-प्रतिबिंब की तरह गुँथे हैं।
संग्रह की कई सारी कविताओं में प्रेम की गहराई और मानवीय संवेदनाएँ झलकती हैं। 'कहाँ छुपाऊँ खुद को', 'प्रियतमा', 'मेरे पास ही तो हो' 'उदास पन्ने' और 'प्रतीक्षा' जैसी कविताएँ प्रेम की कोमलता, उल्लास और निजी वेदना को उजागर करती हैं।
अनेक कविताएँ समाज की असमानताओं, महिलाओं की स्थिति और सांस्कृतिक जड़ताओं की ओर संकेत करती हैं। 'मजदूरी', 'कुली', 'रोटी' 'वो! पतली गली', 'वो ! औरत' 'आत्महत्या' 'मैं! आदिवासी नारी', 'झूठी मुस्कान' और 'मर्यादाएँ साये' जैसी कविताओं में जनपक्षीयता और स्त्री सशक्तीकरण के स्वर प्रमुख हैं।
इसी तरह, जीवन की अनिश्चितताओं और उसके मर्म को दर्शाने वाली कविताएँ इस संग्रह का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
'पलकों पर ठहरा आँसू', 'वो शख्स' और 'खुशियों के बीज' जैसी कविताएँ जीवन के विविध पहलुओं पर किंचित दार्शनिक दृष्टिपात की हामी हैं।
इतना ही नहीं, जीवन के रहस्य और अस्तित्व के प्रश्नों से भी कवयित्री ने कुछ स्थलों पर टकराने का हौसला जताया है। 'पैगाम', 'अस्तित्व की तलाश' और 'पीड़ाएँ' सरीखी कविताओं में उनके सर्जक मन की इस बेचैनी की झलक देखी जा सकती है।
निधि मान सिंह की कविताएँ मानवीय संवेदनाओं और सामाजिक मूल्यों का दर्पण हैं। प्रत्येक वर्ग की कविताएँ उनकी विचारधारा का परिचय देती हैं। यथा, प्रकृति वर्ग की कविताएँ यह संदेश देती हैं कि मानव और प्रकृति एक-दूसरे के पूरक हैं। प्रेम की कविताएँ मानवीय संबंधों में विश्वास, त्याग और समर्पण की महत्ता को दर्शाती हैं। सामाजिक यथार्थ पर आधारित कविताएँ पितृसत्तात्मक व्यवस्था, सामाजिक विषमताओं और लैंगिक भेदभाव पर प्रश्न उठाती हैं। जीवन-दर्शन की कविताएँ जीवन की क्षणभंगुरता और आत्ममंथन की आवश्यकता पर बल देती हैं, तो आध्यात्मिक रुझान वाली कविताएँ आत्मिक शांति और आंतरिक जागृति का मार्ग दिखाती हैं।
'नीली झील' की कविताओं का एक प्रमुख आकर्षण उनके भावचित्र और बिंब हैं। कवयित्री ने शब्दों के माध्यम से अद्भुत दृश्य निर्मित किए हैं। नीली झील की लहरों में आत्मा की तरंगों का उठना-गिरना पाठकों को प्रकृति के सौंदर्य का सजीव अनुभव कराता है; तो गाँव की धूल भरी सड़कों और टेढ़ी-मेढ़ी पगडंडियों के बिंब ग्रामीण जीवन का पूरा चित्र सामने रख देते हैं। प्रेम कविताओं में बिंब कोमल और भावपूर्ण हैं। प्रिय की आँखों में सुबह का उजाला प्रेम की मासूमियत भर को नहीं बल्कि एक साथ कई कई मनोदशाओं को व्यंजित कर जाता है।
कवयित्री ने रूपकों, उपमाओं और प्रतीकों का अत्यंत कुशलता से प्रयोग किया है। यथा, नीली झील स्वतः ही शांत और गहन मानवीय भावनाओं का प्रतीक है। इसी तरह प्रेम जीवन में पहली बारिश की सौंधी महक की ताजगी और सजीवता का संचार करता है, तो प्रकाश आत्मज्ञान का प्रतीक बनकर उभरता है। इस तरह की अभिव्यक्तियों के सहारे कवयित्री ने कविताओं के अर्थ को गहराई और विस्तार प्रदान करने में सफलता पाई है।
युवा कवयित्री निधि मान सिंह की ये कविताएँ उनके गहन संवेदनशील व्यक्तित्व और मानवीय मूल्यों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। वे न केवल समाज की समस्याओं को रेखांकित करती हैं, बल्कि उनका समाधान भी सुझाती हैं। उनके लिए प्रेम केवल रोमांटिक संबंध नहीं, बल्कि मानवीयता और करुणा का आधार है। प्रकृति के प्रति उनका दृष्टिकोण उसे पूजनीय मानते हुए संरक्षित करने का आग्रह करता है। इसी प्रकार, स्त्री विमर्श का स्वर भी उनकी कविताओं में पर्याप्त मुखर है, लेकिन वह आक्रोश से अधिक संवाद और समाधान की राह दिखाता है।
कुल मिलाकर, 'नीली झील' एक ऐसा काव्य संग्रह है, जो पाठकों को अपनी विविधता और गहराई से बाँध लेने में समर्थ है। इसमें जीवन के विविध पहलुओं को नई दृष्टि से देखने और समझने की प्रेरणा निहित है। यह संग्रह न केवल काव्य प्रेमियों के लिए, बल्कि उन सभी के लिए मूल्यवान है, जो जीवन, प्रेम, प्रकृति और समाज के गहन प्रश्नों के उत्तर खोजने की आकांक्षा रखते हैं।
इन्हीं शब्दों के साथ मैं निधि मान सिंह को उनके इस वैविध्यपूर्ण कविता संग्रह के प्रकाशन पर हार्दिक बधाई देते हुए आश्वस्त हूँ कि इसे पाठकों का भरपूर स्नेह और आशीष मिलेगा।
शुभकामनाओं सहित,
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