हिंदी बाल गीत : राम कटोरे - प्रभुदयाल श्रीवास्तव

Dr. Mulla Adam Ali
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Hindi Poems for Kids

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Bal Geet In Hindi : मुट्ठी में है लाल गुलाल (बाल कविता संग्रह) से प्रभुदयाल श्रीवास्तव की बाल कविता राम कटोरे, बालमन की रोचक हिंदी बाल कविता राम कटोरे, पढ़िए मजेदार बाल गीत और शेयर कीजिए।

Children's Poem in Hindi

राम कटोरे


सिर पर बस्ता लादे शाला,

जाते राम कटोरे।


मिले आम के पेड़ राह में,

झट उस पर चढ़ जाते।

गदरे- गदरे आम तोड़कर,

बस्ते में भर लाते ।

ऊधम में तो ग्राम चैम्पियन,

पढ़ने में बस कोरे।


गूलर लगे पेड़ में, ऊँचे,

वहाँ पहुँच न पाते।

लक्ष्य भेदने तब गुलेल से,

पत्थर वे सन्नाते ।

बीन बीनकर गिरे हुए फल,

भर लेते हैं बोरे।


गूलर, आम बेचकर उनको,

कुछ पैसे मिल जाते।

निर्धन बच्चों की शाळा में,

फीस पटाकर आते।

रामकटोरे मन के सच्चे,

निर्मल, कोमल भोरे।


कितने सारे राम कटोरे,

दुनिया में रहते हैं।

बिना कहे ही मदद दूसरों,

की करते रहते हैं।

लोग समझते इन लोगों को,

नटखट और छिछोरे।


- प्रभुदयाल श्रीवास्तव

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