Poem on Sonchiriya Bird (सोन चिरैया) The Great Indian Bustard in Hindi, Dr. Rakesh Chakra Poetry in Hindi, Bal Kavita, Kids Poetry on golden bird in Hindi.
Poem on The Great Indian Bustard (Sonchiriya)
Poem on Sonchiriya : सोन चिरैया सबसे बड़े और वज़नी उड़ने वाले पक्षियों की प्रजाति में से एक है, सोन चिरैया को 'सोहन चिडिया' तथा 'शर्मिला पक्षी' जैसे उपनामों से भी जानी जाती है। वर्तमान में यह राजस्थान का राज्य-पक्षी सोन चिरैया को 'द ग्रेट इंडियन बस्टर्ड' या 'गोडावण' भी कहते हैं, इसका वैज्ञानिक नाम Ardeotis Nigriceps है। आज सोन चिरैया की संख्या घटती जा रहीं हैं, तेजी से विलुप्त होने वाली पक्षियों में से सोन चिरैया भी एक है, आज आपके लिए प्रस्तुत है इस विशेष प्रकार की पक्षी पर बाल गीत रंग-बिरंगी सोनचिरैयाँ, राकेश चक्र की बाल कविता पढ़े और शेयर करें।
Rang-Birangi Sonchiriya
रंग-बिरंगी सोनचिरैयाँ
फुर - फुर - फुर - फुर उड़कर आतीं
रंग - बिरंगी सोनचिरैयाँ।
बुलबुल , मैना , कोयल आएँ
और बहुत आतीं गौरैयाँ।।
सभी ध्यान से मिल - जुल पढ़तीं।
आपस में वह कभी न लड़तीं।।
चुनमुन बुलबुल उन्हें पढ़ाए
बैठ पेड़ की ठंडी छइयाँ।।
भूख लगे पर दाना खाएँ।
कभी - कभी चौपाल लगाएँ।
गौशाला में शिशु रंभाएँ
प्यार उड़ेलें उन पर गइयाँ।।
आसमान में फर - फर उड़तीं।
खूब खेल मस्ती में करतीं।
तारों से जाकर बतलाएँ
चंदा लेता खूब बलइयाँ।।
सबको ही यह खुश कर देतीं।
नीड़ों में अंडे दे सेतीं।
बच्चे खेलें उपवन में फिर
चुग्गा उनको देतीं मइयाँ।।
डॉ. राकेश चक्र, 90 बी,शिवपुरी
मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश)
यूट्यूब चैनल योग साहित्य संस्कृति।
ये भी पढ़ें; सोनचिरैया बाबुल के घर की : हिंदी कविता