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Laddoo Ki Shaadi : Kavita
Bal Geet In Hindi : मुट्ठी में है लाल गुलाल (बाल कविता संग्रह) से प्रभुदयाल श्रीवास्तव की बाल कविता लड्डू की शादी, बालमन की रोचक हिंदी बाल कविता लड्डू की शादी, पढ़िए मजेदार बाल गीत और शेयर कीजिए।
Bal Kavita In Hindi
लड्डू की शादी
जिस दिन होना थी लड्डू की,
बर्फीजी से शादी।
बर्फी बहुत कुरूप किसी ने,
झूठी बात उड़ा दी।
गुस्से के मारे लड्डूजी,
जोरों से चिल्लाये।
वे बारात बिना पूछे ही,
वापस घर ले आये।
लड्डू के दादा रसगुल्ला,
बर्फी के घर आये।
बर्फीजी को देख सामने,
मन ही मन मुस्काये।
बर्फी तो इतनी सुंदर थी,
जैसे कोई परी हो।
पंख लगाकर आसमान से,
अभी-अभी उतरी हो।
रसगुल्लाजी फिदा हो गये,
उस सुंदर बर्फी पर।
ब्याह कराकर उसको लाये,
वे चटपट अपने घर।
लड्डू क्वाँरा, बेचारा अब,
लड़ता रसगुल्ला से।
रसगुल्ला मुस्कुराता रहता,
बिना किसी हल्ला के।
सुनी सुनाई बातों पर तो,
कभी ध्यान मत देना।
क्या सच है क्या झूठ सुनिश्चित,
खुद जाकर कर लेना।
- Prabhudayal Shrivastava
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