Ek Anokhi Chidiya Hindi Kavita by Prabha Pareek, Hindi Kavita Kosh, Poetry Collection in Hindi, Hindi Poems, Poetry Community.
Prabha Pareek Poetry
Hindi Kavita Ek Anokhi Chidiya: विश्व गौरैया दिवस पर विशेष 20 मार्च (World Sparrow Day) पर पढ़िए कविता कोश में प्रस्तुत है प्रभा पारीक की बेहतरीन कविता एक अनोखी चिड़िया, इस कविता में चिड़िया की सुंदरता के बारे में सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया गया है।
Hindi Poem on Sparrow
एक अनोखी चिड़िया
एक अनोखी चिड़िया देखो मेरे बाग में आई,
देख उसे मैं बहुत देर तक मन ही मन हर्षाई।
मेरे बाग की एक बेल पर अंगूर झूल रहे थे,
लाल हुए थे फिर भी थोड़े कच्चे पक्के हुए थे।
चिड़िया मैं समझाऊं फिरएक दिन तुम आना,
पक जाने पर मीठे होंगे, उन्हें चाव से खाना।
चिड़िया ने भी ठान लिया फिर से बाग में आना,
आकर फिर यहां मीठे अंगूरों का मजा उड़ाना।
चिड़िया की उलझन थी भूख से पार पाना,
क्यों कि वो सब जान गई थी, नहीं कहीं कोई दाना।
भूखी चिड़िया पेड़ से उतरी नीचे आई
देखा कीड़ा पकड़ा झटपट चोंच में लाई ।
चींटा खाकर चिड़िया ने अपनी भूख मिटाई
मुझसे कह गई पक जाने दो इनको, तब तक,
राह देखना मै ना खालूं इनको तब तक ।
चिड़िया रानी फुर्र से उड़ गई, दूर गगन में
अंगूर मेरे वहीं रह गए मेरे ही उपवन में।
- प्रभा पारीक
भरुच, गुजरात
ये भी पढ़ें; एक छोटी सी चिड़िया : कविता इन हिन्दी