डॉ. मीरा सिंह 'मीरा' की कविता : आ गौरैया

Dr. Mulla Adam Ali
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Dr. Meera Singh "Meera" Hindi Poetry on World Sparrow Day, Vishwa Gauraiya Divas Par Kavita, Chidiya Poem in Hindi.

World Sparrow Day Poem

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Chidiya Par Kavita : बढ़ते प्रदूषण के कारण गौरैया की आबादी दिन ब दिन कम होते जा रही है, इसी बात को ध्यान में रखते हुए लोगों में जागरूकता लाने के उद्देश्य से प्रति वर्ष 20 मार्च को दुनियाभर में गौरैया दिवस मनाया जाता है। हिंदी कविता कोश में आज आपके लिए प्रस्तुत है डॉ. मीरा सिंह "मीरा" की कविता 'आ गौरैया', पढ़े और शेयर करें।

गौरैया पर केंद्रित डॉ. मीरा सिंह "मीरा" की कविता

आ गौरैया


आ गौरैया गीत सुना जा

गयी कहाँ सच बात बता जा।


चूँ चूँ करती तुम आती थी 

दाना चुग कर उड़ जाती थी।

साथ कभी आते थे चूजे 

उड़ना उनको सिखलाती थी।।

जाती थी किस जगह बता जा 

आ गौरैया गीत सुना जा---


कुछ-कुछ गोरे कुछ-कुछ काले

जब उड़ते थे घन मतवाले।

चीं चीं करती गई कहाँ थीं 

छिपी कहाँ थी डेरा डाले?

प्यारी अपना हाल सुना जा 

आ गौरैया वापस आ जा ---


आ जा प्यारी बातें करते 

चली किधर है उड़ते -उड़ते।

नजर नहीं आती क्यों दिनभर 

वापस आ जा फिर से कहते।।

क्यों गुस्सा सच बात बता जा 

आ गौरैया गीत सुना जा ---


चूँ चूँ चीं चीं गीत प्यारा

लगता सारे जग को न्यारा।

तुम हो मानव मित्र पुराना

लाती हो तुम ही उजियारा।।

क्यों सबसे नाराज़ बता जा 

आ गौरैया गीत सुना जा ---


- डॉ. मीरा सिंह "मीरा"

डुमराँव, जिला-बक्सर, बिहार

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