विनोद कुमार शुक्ल : हिंदी के मशहूर कवि और कथाकार को मिलेगा ज्ञानपीठ पुरस्कार

Dr. Mulla Adam Ali
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Jnanpith Award: Famous Hindi poet and writer Vinod Kumar Shukla will receive this year's prestigious Jnanpith Award. It was announced on Saturday

Hindi Writer Vinod Kumar Shukla Wins Jnanpith

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Vinod Kumar Shukla Jnanpith Award: 1 जनवरी 1937 को राजनांदगांव (छत्तीसगढ़) में विनोद कुमार शुक्ल का जन्म हुआ था, उनका निवास स्थान फिलहाल रायपुर में है। इस साल का प्रतिष्ठित ज्ञानपीठ पुरस्कार (59वां ज्ञानपीठ पुरस्कार) की घोषणा शनिवार (22 मार्च 2025) को हुई, हिन्दी के प्रसिद्ध कवि और लेखक विनोद कुमार शुक्ल को साल 2004 के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। ज्ञानपीठ पुरस्कार भारत का सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान है, विनोद कुमार शुक्ल द्वारा लिखा गया लोकप्रिय उपन्यास 'नौकर की कमीज़' के लिए उन्हें 59वां ज्ञानपीठ पुरस्कार दिया गया है।

प्रसिद्ध साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल को मिला 59वां ज्ञानपीठ पुरस्कार

विनोद कुमार शुक्ल को ज्ञानपीठ पुरस्कार दिया जा रहा है। उनकी कृति नौकर की कमीज़ पर मणिकौल ने फ़िल्म बनाई थी। नौकर की कमीज़ (Naukar Ki Kameez) इसलिए महान रचना नहीं है कि उस पर फ़िल्म बनी है, इसलिए है, आज जब नौकरियों में इंसान की गरिमा घिसती हुई मिटने के कगार पर है, विनोद कुमार शुक्ल उस गरिमाविहीन इंसान को फिर से खड़ा करते हैं। वे कवि नहीं हैं, कृषि-विस्तार के प्रोफेसर भी रहे हैं। गणित से भी नाता रहा है। खिलेगा तो देखेंगे, दीवार में एक खिड़की रहती थी उनके उपन्यास हैं। ज्ञानपीठ पुरस्कार से एक बार फिर विनोद कुमार शुक्ल की रचना संसार पर बात होगी, साहित्य की दुनिया में अच्छा लिखने की उम्मीदों का नए सिरे से संचार होगा। हम सभी की तरफ से विनोद कुमार शुक्ल को बधाई। - वीडियो क्रेडिट रवीश कुमार (भारतीय पत्रकार और लेखक) ऑफिशियल यूट्यूब चैनल

पिछले 50 सालों से विनोद कुमार शुक्ल लिख रहे हैं, हिंदी साहित्य जगत के लिए और छत्तीसगढ़ के लिए यह गौरव की बात है कि पहली बार छत्तीसगढ़ के साहित्यकार को यह सम्मान मिलने जा रहा है। ज्ञानपीठ सम्मान पाने वाले हिंदी के 12वें साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल के प्रमुख उपन्यासों में ‘नौकर की कमीज’, ‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’ और ‘खिलेगा तो देखेंगे’ शामिल हैं।

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विनोद कुमार शुक्ल की साहित्य यात्रा :

कविता संग्रह : 1. 'लगभग जयहिंद ' वर्ष 1971 2.  वह आदमी चला गया नया गरम कोट पहिनकर विचार की तरह' वर्ष 1981 3. सब कुछ होना बचा रहेगा ' वर्ष 1992 4. 'अतिरिक्त नहीं' वर्ष 2000 5. 'कविता से लंबी कविता' वर्ष 2001 6. 'आकाश धरती को खटखटाता है' वर्ष 2006 7. 'पचास कविताएँ' वर्ष 2011 8. 'कभी के बाद अभी' वर्ष 2012 9. 'कवि ने कहा' -चुनी हुई कविताएँ वर्ष 2012 9. 'प्रतिनिधि कविताएँ' वर्ष 2013.

उपन्यास : 1. 'नौकर की कमीज़ ' वर्ष 1979 2. 'खिलेगा तो देखेंगे' वर्ष 1996 3. 'दीवार में एक खिड़की रहती थी' वर्ष 1997 4. 'हरी घास की छप्पर वाली झोपड़ी और बौना पहाड़ ' वर्ष 2011 5. 'यासि रासा त' वर्ष 2017 6. 'एक चुप्पी जगह' वर्ष 2018

कहानी संग्रह : 1. 'पेड़ पर कमरा' वर्ष 1988 2. 'महाविद्यालय' वर्ष 1996 3. 'एक कहानी ' वर्ष 2021 4. 'घोड़ा और अन्य कहानियाँ' वर्ष 2021.

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साहित्य के क्षेत्र में सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान है ज्ञानपीठ पुरस्कार:

उपन्यास 'दीवार में एक खिड़की के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार के अलावा कई प्रख्यात पुरस्कार प्राप्त विनोद कुमार शुक्ल को देश का सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार से नवाजा जाएगा, भारतीय भाषाओं में उत्कृष्ट साहित्यिक कार्य के लिए यह सामन दिया जाता है।

ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेताओं को 11 लाख रुपए नकद राशि, वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है। ज्ञानपीठ पुरस्कार की स्थापना 1961 में हुआ था, सबसे पहले यह सामन पाने वाले मलयालम के कवि जी. शंकर कुरुप है, जिनको ‘ओडक्कुझल' काव्य संग्रह के लिए यह पुरस्कार दिया गया था।

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