गौरीशंकर वैश्य 'विनम्र' की कविता : गौरैया

Dr. Mulla Adam Ali
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Gauri Shankar Vaish 'Vinamra' Hindi Poetry on World Sparrow Day, Vishwa Gauraiya Divas Par Kavita, Chidiya Poem in Hindi.

World Sparrow Day Poem

gauri shankar vinamr ki kavita gauraiya

Chidiya Par Kavita : कविता कोश में आज 20 मार्च विश्व गौरैया दिवस पर विशेष गौरीशंकर वैश्य 'विनम्र' की कविता प्रस्तुत है, सुंदर शब्दों में चिड़िया का वर्णन इस कविता में किया गया है। बच्चों के लिए यह कविता बहुत पसंद आएगी, गौरैया दिवस पर इस बेहतरीन कविता को पढ़े और शेयर करें।

गौरैया पर केंद्रित गौरीशंकर वैश्य 'विनम्र' की कविता

गौरैया


घर आओ! गौरैया रानी। 

मुझे सुनाओ नई कहानी। 


मेरे आँगन में हरियाली 

काटी नही,पेड़ की डाली 

छज्जे में घोंसले टँगे हैं 

अब क्यों करती आनाकानी। 


फुर्र - फुर्र कर उड़ती रहना 

दुखी न हों. बच्चों से कहना 

घूमघाम कर वापस आना 

छत पर रखा है दाना - पानी। 


कभी पंख में धूल लगाती 

पानी में हो कभी नहाती 

संख्या अधिक है जहाँ तुम्हारी 

वहाँ स्वस्थ परिवेश निशानी। 


ठीक से अण्डे - बच्चे पालो 

खतरे बहुत हैं, देखो - भालो

तुम कितनी भोली-भाली हो 

आदत है जानी - पहचानी। 


चीं - चीं. चूँ - चूँ शोर तुम्हारा 

गान सुरीला मधुरिम प्यारा 

कीट - पतंगों को खाती हो 

तुम हो फसल - मित्र विज्ञानी। 


- गौरीशंकर वैश्य विनम्र 

117 आदिलनगर, विकासनगर 

लखनऊ - 226022 

दूरभाष 09956-087585

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