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Sanjeevani Kavita
Hindi Poetry Sanjeevani : पढ़िए कविता कोश में सुंदर कविता संजीवनी, इस कविता में कवि ने कहा कि वे अपने हर परिस्थिति में खुश है, जीवन में सबकुछ खाने बाद भी उसके चेहरे पर मुस्कान है, उसके अपने लोग धोका देने के बावजूद भी वह मुस्कुराता रहा क्योंकि उसके पास तुम्हारी मुस्कुराहट की संजीवनी है। यह कविता जीवन के संघर्षों और उलझनों के बीच आशावादी दृष्टिकोण बनाए रखने में मदद करती है, इंसान अपनों द्वारा धोखा कहने बावजूद भी वह दुखी नहीं हुआ है, सत्य मार्ग पर चलने पर वह बार-बार पराजित होते रहा, लेकिन वह उस मार्ग को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। जीवन में खुशी रहने के कारण अक्सर लोग बाहर तलाशते हैं, खुशी तो अपने ही छुपी होती है, ऐसी कोई बात नहीं है जो इंसान को दुखी कर सके, और इस कविता में लेखक इस बात से भी संतुष्ट हैं कि उसके पास खाने के लिए कुछ भी नहीं है, कठिनाईयों के बीच आत्मविश्वास और खुशी का संदेश देती कविता संजीवनी पढ़े और शेयर करें।
Hindi Sanjeevani Poem
संजीवनी
बहुत कुछ खोने के बाद भी
खुश हूँ मैं
यह सोचकर कि
मेरे पास खोने को कुछ था तो सही।
अपनों और परायों से
अनगिनत ठोकरें और धोखे
खाने के बावजूद भी
खुश हूँ मैं
क्यों कि दूसरों के दुःख से दुःखी और
सुख से हर्ष महसूसन के लिए
एक संवेदनशीलन दिल है मेरे पास.....
सत्य को असत्य से मिली
अनवरत पराजयों के बावजूद भी
खुश हूँ मैं
सत्य की अन्ततः शाश्वत जीत की
सौंधी-सौधी सुगन्ध की कल्पना कर.....
जीवन की तमाम अनिश्चिंताओं और जटिलताओं
के बावजूद भी
खुश हूँ मैं
क्योंकि उनसे लड़ने के लिए
तुम्हारी प्रेरणा रुपी अमोघ-शक्ति और
जिजीविषा है मेरे पास.....
जीवन के गूढ़ रहस्यों और इसकी तमाम
विषय परिस्थितियों के बीच भी
खुश हूँ मैं
क्योंकि मेरी स्मृतियों के झरोखों से झाँकती
तुम्हारी मुस्कुराहट की संजीवनी
है मेरे पास.....
- विवेक कुमार
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