चटपटी बाल कविता : मस्ती के स्कूल में बच्चे

Dr. Mulla Adam Ali
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Prabhudayal Shrivastava Poetry Collection Book Mutti Mein Hain Lal Gulal Poems Masti Ke School Me Bachhe, Kids Poems in Hindi.

Baal Kavita In Hindi

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Chatpati Bal Kavita : मुट्ठी में है लाल गुलाल (बाल कविता संग्रह ) से प्रभुदयाल श्रीवास्तव की बाल कविता मस्ती के स्कूल में बच्चे, बालमन की रोचक हिंदी बाल कविता मस्ती के स्कूल में बच्चे, पढ़िए मजेदार बाल गीत और शेयर कीजिए।

Prabhudayal Shrivastava Poetry

मस्ती के स्कूल में बच्चे


खेल रहे हैं धूल में बच्चे,

भँवरे बनकर फूल में बच्चे।


नंगे बदन उघाड़े हैं

ये खुशियों के हरकारे हैं ये

खाता कोई रोटी पुंगा

चूसे कोई अंगूठा चुंगा

उछल उछल पींगें भरते हैं

कैसे झूलम झूल में बच्चे।


एक दूजे को धकियाते हैं

फिर पीछे दौड़े जाते हैं

इस ने उसको पटक दिया है

उसने इसको झटक दिया है

हो-हल्ला है धूम धड़ाका

ठिल-ठिल की जड़ मूल में बच्चे।


मन के सब भोले भाले है

कुछ गोरे से कुछ काले हैं

कुछ हौले-हौले मुस्काते

कुछ है हँसकर दांत दिखाते

नाम लिखाने जाते जैसे

मस्ती के स्कूल में बच्चे।


- प्रभुदयाल श्रीवास्तव

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