मोबाइल की दुनिया में किताबों की मिठास को बया करती बाल कविता : देकर हमें दुआएं

Dr. Mulla Adam Ali
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Prabhudayal Shrivastava poem that inspires people to read books, Hindi Motivational Children's Poems, Kids Poetry, Prerak Kavita.

डिजिटल दौर में किताबों की पुकार

pustak par baal geet

Inspirational Kids Poem : बहुत से बच्चे आजकल मोबाइल पर पढ़ाई करने लगे हैं। फोन पर आसानी से वीडियो, नोट्स और किताबें मिल जाते हैं, लेकिन आपने कभी सोचा है कि इससे बच्चों शरीर और दिमाग पर क्या असर पड़ता है?

बच्चे हो या बड़े मोबाइल पर ज्यादा देर तक पढ़ने से आँखों में दर्द या जलन और थकान भी होती है। मोबाइल से आने वाली रोशनी से हमारी नींद भी खराब होती है, सबसे ज्यादा दिक्कत यह है कि मोबाइल पर पढ़ते समय बीच-बीच में मैसेज, कॉल आ जाते है, कई ऐप की नोटिफिकेशन दिखते हैं, जिससे ध्यान पढ़ाई से हट जाता है।

दूसरी ओर, किताबें पढ़ने से फायदे ही फायदे है। किताबों से हमारी आँखों को किसी भी तरह का नुकसान नहीं होता और हमें ध्यान लगाकर पढ़ने की आदत सिखाती हैं पुस्तकें। किताबों में ज्ञान के साथ-साथ कहानियाँ, नैतिक शिक्षा और मनोरंजन भी होता है। जब हम किताब पढ़ते हैं, तो हमारी सोचने की शक्ति और शब्दों का ज्ञान भी बढ़ता है।

इसलिए हमें मोबाइल का उपयोग सीमित करना चाहिए और रोज़ थोड़ी देर किताबें ज़रूर पढ़नी चाहिए। किताबें हमारे सबसे अच्छे दोस्त होती है। मोबाइल का ज़रूरत के समय इस्तेमाल करें, लेकिन किताबों को कभी ना छोड़ें। ये हमारी सच्ची गुरु हैं। इसी सीख के साथ पुस्तकों के महत्व को बया करती प्रभुदयाल श्रीवास्तव की बाल कविता देकर हमें दुआएं, पढ़े और शेयर करें।

तकनीक के बीच किताबों का संग

देकर हमें दुआएं


दादाजी -दादाजी मैंने,

पढ़ी कहानी पुस्तक में।


मोबाईल में पढ़ता तो,

दर्द आँख में होता था।

आँख लाल हो जाती थी तो,

बहुत देर तक रोता था।

पढ़ी कहानी पुस्तक में तो,

बहुत मजा आया सच में।


मोबाईल में बार -बार ही,

ध्यान भटक सा जाता था।

पढ़ना कुछ होता था मुझको,

उल्टा कुछ पढ़ जाता था।

अब समझा,वह व्यर्थ पढ़ाई,

नहीं उचित थी, न हक़ में।

मोबाईल में ज्यादा पढ़ना,

सिर में दर्द बढ़ता है।

पढ़ा हुआ वह,नौ दो ग्यारह,

कुछ दिन में हो जाता है।

चमकदार परदे लगवा ही,

देते कुछ दिन में चश्मे ।


अब सोचा है कथा कहानी,

पढ़ा करूँगा पुस्तक में।

नहीं रहूंगा किसी तरह भी,

मोबाईल के मैं वश में।

देकर हमें दुआयें,दे दो,

दस के दस नंबर,दस में।


- प्रभुदयाल श्रीवास्तव

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