Hindi Poem on Adhunik Meera Mahadevi Verma Jayanti Special Kavita, Chayyawad Ki Kavayitri, Vedana Ki Kavayitri Mahadevi.
Kaaljayee Mahadevi Verma
Mahadevi Verma Par Kavita : पढ़िए कविता कोश में छायावाद के प्रमुख स्तंभों में से एक आधुनिक मीरा, वेदना की कवयित्री, ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित महादेवी वर्मा पर विशेष कविता 'कालजयी महादेवी वर्मा', हिंदी लेखकों पर कविताएं पढ़े और शेयर करें।
Poem on Mahadevi Verma
कालजयी महादेवी वर्मा
(1)
26 मार्च, सन् 1907 ई. को फर्रुखाबाद (उ.प्र.) में जन्मी महादेवी,
भागलपुर के रूढ़िवादी अन्धविश्वासी प्राचार्य गोविन्द प्रसाद की आत्मजा महादेवी।
विदुषी तथा धार्मिक हेमरानी देवी की सुपुत्री महादेवी,
नौ वर्ष की उम्र में ही डॉ. स्वरूपनारायण वर्मा से विवाहिता महादेवी ।।
(2)
बाल-विवाह जैसी कुरीति की विरोधिनी बनीं महादेवी,
स्वरूपनारायण से सम्बन्ध विच्छेद कर प्रगतिशील हुई महादेवी।
प्रगतिशील विचारधारा से सम्पृक्त आदर्श भारतीय नारी महादेवी,
पुरुषनिरपेक्ष नारी-व्यक्तित्व की निर्माता महादेवी ।।
(3)
मीडिल में प्रान्तभर में सर्वोच्च स्थान प्राप्त महादेवी,
एन्ट्रेन्स में भी प्रान्तभर में सर्वोपरि रहीं महादेवी।
इण्टरमीडिएट तथा बी.ए. ('दर्शन' विषय) में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण महादेवी,
एम.ए. (संस्कृत साहित्य) में स्वर्णपदक अर्जित महादेवी ।।
(4)
एकाकी रहकर मेधाविनी सिद्ध होने वाली महादेवी,
चार विश्वविद्यालयों से 'डी. लिट्' से अलंकृत महादेवी।
साहित्यसेवी, समाजशास्त्री, प्रशासक और शिक्षा शास्त्री महादेवी,
आज तुम्हें हमारा सश्रद्ध कोटि-कोटि नमन महादेवी ।।
(5)
'प्रयाग-महिला-विद्यापीठ (उ.प्र.)' की प्रथम प्राचार्या महादेवी,
हिन्दी के माध्यम से इसे राष्ट्रीय स्तर प्रदाता महादेवी।
सर्वसम्मति से इसी विद्यापीठ की 'कुलाधिपति' नियुक्त महादेवी,
तथा अन्त तक इसी पद को सुशोभित करतीं रहीं महादेवी ।।
(6)
'चाँद' नाम्नी मासिकी की सम्पादिका रहीं महादेवी,
नारी-समाज के उत्थानार्थ ऐतिहासिक काम कर चुकी महादेवी।
'यामा' तथा 'दीपशिखा' पर 'ज्ञानपीठ पुरस्कार' से पुरस्कृत महादेवी,
साहित्य-सेवाओं के आधार पर 'पद्मश्री' से सम्मानित महादेवी ।।
- डॉ. महेशचन्द्र शर्मा
ये भी पढ़ें; आधुनिक युग की मीरा महादेवी वर्मा - जीवन परिचय और प्रमुख रचनाएं