Bal Kavita Sangrah Mutthi Me Hain Lal Gulal by Prabhudayal Shrivastava, Children's Poem Hum Bachhe, Bal Kavita, Kids Poetry.
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Bal Kavita In Hindi : मुट्ठी में है लाल गुलाल (बाल कविता संग्रह) से प्रभुदयाल श्रीवास्तव की बाल कविता हम बच्चे जिंदाबाद, बालमन की रोचक हिंदी बाल कविता हम बच्चे जिंदाबाद, पढ़िए मजेदार बाल गीत और शेयर कीजिए।
Nursery rhyme in Hindi
हम बच्चे जिंदाबाद
खेल कूद खाने-पीने को,
अब हम है आजाद ।
हम बच्चे जिंदाबाद।
पिज़्ज़ा वर्गर चाउमिन का,
दही बड़ों का हल्ला।
यह सब देने में अब मम्मी,
नहीं झाड़ती पल्ला ।
गर्मी की छुट्टी, सारा घर,
ऊधम से आबाद।
पना आम का, कच्ची कैरी,
और पुदीना चटनी।
गन्ने का रस पीकर देते,
लू को रोज पटकनी।
तन- मन को ठंडा कर देता,
सत्तू का भी स्वाद।
दिन भर धमा चौकड़ी,
हाथी घोड़े वाले खेल।
इंजन, डिब्बा, गार्ड, मुसाफिर,
छुक-छुक करती रेल।
कैरम में जो जीता, करता,
खुशियों से सिंहनाद।
- प्रभुदयाल श्रीवास्तव
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