मिलता हमें दुलार बड़ों का | बच्चों के लिए स्वाद और प्रेम से भरी हिंदी कविता

Dr. Mulla Adam Ali
0

Hindi poems full of taste and love for children, Prabhudayal Shrivastava Poetry for Kids in Hindi, Bal Kavita In Hindi.

We get love from elders

we get love from elders

Hindi Baal Geet: प्रभुदयाल श्रीवास्तव की मिलता हमें दुलार बड़ों का एक प्यारी हिंदी कविता है, जो बच्चों को गाँव की मिट्टी, दादी के सत्तू, और दाल-भात के स्वाद से जुड़ी यादें ताज़ा कराती है। प्रेम और स्वाद से भरपूर इस कविता को जरूर पढ़ें।

 बच्चों के लिए स्वाद और प्रेम से भरी कविता

मिलता हमें दुलार बड़ों का

सबसे अच्छा दाल -भात है,

सबसे अच्छी रोटी।

रोटी बस वह अच्छी लगती,

जो होती कुछ मोटी।

मोटी-मोटी रोटी को जब,

घी-शक़्कर सँग खाते।

"सुन लो मम्मी"सच में ही तब,

बहुत मजे हैं आते।

और दाल में घी - जीरे का,

तड़का जब लग जाता।

दाल-भात का वह भोजन तो,

अमृत सा हो जाता।

कभी -कभी गाँव में दादी,

सत्तू बनवाती है।

सत्तू सँग रोटी खाने को,

जब -तब उकसाती है।

सत्तू सँग रोटी का भोजन,

हमें बहुत भाता है।

मिलता हमें दुलार बड़ों का,

बहुत मज़ा आता है।


- प्रभुदयाल श्रीवास्तव

ये भी पढ़ें; हमको पैदल चलना है | बच्चों के लिए स्वास्थ्य और पर्यावरण बचाने वाली हिंदी कविता

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. learn more
Accept !
To Top