नन्ही बाल कविता : हो जाते हम बोनसाई से

Dr. Mulla Adam Ali
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Mutti Mein Hain Lal Gulal Poetry Collection Book by Prabhudayal Shrivastava, Hindi Children's Poems, Kids Poems in Hindi.

Ho Jate Hum Bonsai Se

ho jate hum bonsai se kavita

Bal Kavita In Hindi : मुट्ठी में है लाल गुलाल (बाल कविता संग्रह) से प्रभुदयाल श्रीवास्तव की बाल कविता हो जाते हम बोनसाई से, बालमन की रोचक हिंदी बाल कविता हो जाते हम बोनसाई से, पढ़िए मजेदार बाल गीत और शेयर कीजिए।

Baal Geet in Hindi

हो जाते हम बोनसाई से


हो जाते हम बोनसाई से,

कितने मज़े हमारे होते।


तीस इंच के होते पापा,

बीस इंच की मम्मी ।

मैं होता बस आठ इंच का,

पाँच इंच की सिम्मी ।

एक इंच के बस्ते लेकर,

हम शाला को जाते होते।


बारह फुट लंबी बस होती,

होतीं सीटें साठ।

तीन इंच चौड़ी सीटों पर,

होते अपने ठाठ।

हिचकोले खाती इस बस में,

मस्ती मौज मनाते होते।


परिधि पाँच मिलीमीटर के,

होते गोल परांठे।

होते तीन मिलीमीटर के,

छुरियाँ चम्मच कांटे

लंच बॉक्स के पकवानों के,

हम चटकारे लेते होते।


- प्रभुदयाल श्रीवास्तव

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