Trees always teach you, Poetry Collection Mutthi Me Hain Lal Gulal in Hindi by Prabhudayal Shrivastava, Children's Poem, Motivational Bal Kavita In Hindi, Vriksh Par Prerak Bal Geet in Hindi.
Hindi Environmental Poems
Bal Kavita In Hindi : मुट्ठी में है लाल गुलाल (बाल कविता संग्रह) से प्रभुदयाल श्रीवास्तव की बाल कविता पेड़ सदा शिक्षा देता है (poem on nature), बालमन की रोचक हिंदी बाल कविता पेड़ सदा शिक्षा देता है (ped par kavita), पढ़िए मजेदार बाल गीत और शेयर कीजिए।
Poem on Trees in Hindi
पेड़ सदा शिक्षा देता है
जीव जंतुओं की ही भाँती,
वृक्षों में जीवन होता है।
कटने पर डाली रोती है,
छूटने पर पत्ता रोता है।
जैसे हम बातें करते हैं,
लता वृक्ष भी बतयाते हैं।
जैसे हम भोजन करते हैं,
सभी पेड़ खाना खाते हैं।
जैसे चोट हमें दुख देती,
पेड़ों को भी दुख होता है।
जैसे श्वाँस रोज़ हम लेते,
लता वृक्ष भी वैसा करते।
किंतु सोखकर दूषित वायु,
प्राण वायु हर रोज उगलते।
उसी प्राण वायु पर निर्भर,
हम सबका जीवन होता है।
जैसे हमें घाव होने पर,
लहू फूटकर बाहर आता।
वैसे ही कटने छूटने पर,
पेड़ों को दुख दर्द सताता।
इतना दुख इस पर भी उनमें,
भाव समर्पण का होता है।
हिंदु मुस्लिम सिख ईसाई,
पेड़ सभी को अपनाते हैं।
पाते सभी एक-सी छाया,
सभी एक से फल पाते हैं।
वृक्षों में ना जाति धर्म का,
भेद लघु-गुरु का होता है।
पेड़ रहेंगे तो धरती पर,
पर्यावरण सुरक्षित होगा।
पर्यावरण बचाने से ही,
जन जीवन संरक्षित होगा।
इनसे हवा दवा बन जाती,
इनसे जल अमृत होता है।
पर सेवा होती है कैसी,
हम वृक्षों से सीख न लेते।
हमसे कभी न कुछ माँगा है,
वृक्ष सदा देते ही देते।
सेवा, त्याग, तपस्या, हर क्षण,
पेड़ सदा शिक्षा देता है।
- प्रभुदयाल श्रीवास्तव
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