हिंदी व्यंग्य लेखन : Hindi Vyangya

Hindi Vyangya Aalekh, Hasya Vyangya Kavita, Vyangya Yatra, Vyangya aur Vyangyakar, Rajnitik Vyangya, Vyangya Rachnayen, Political Satire, Vyangya Prasang, Samajik Vyangya, Vyangya-Purodha : Harishankar Parsai, Sharad Joshi.

Satire in Hindi literature

hindi vynagya lekhan

व्यंग्य लेखन : व्यंग्य में प्रत्यक्ष रूप से आरोप लगाया नहीं जाता, परोक्ष रूप से किसी व्यक्ति या वस्तु पर आलोचना करना व्यंग्य कहलाता है। व्यंग्य, साहित्य की एक विधा है, व्यंग्य में सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक आलोचना की जाती है हास्य और मजाक के साथ समाज में फैली विसंगतियों, भ्रष्टाचार, और बुरे व्यवहार का। व्यंग्य (satire) के कुछ उदाहरण डिवाइन कॉमेडी, व्यंग्य चित्र, व्यंग्य नाटक, व्यंग्य उपन्यास, व्यंग्य लेखन (caustic remark, irony, sarcasm) हिन्दी व्यंग्य साहित्य में हरिशंकर परसाई जैसे श्रेष्ठ व्यंग्यकार है। यहां पर व्यंग्य (Satire in Hindi) पर आधारित हिन्दी आलेखों के लिंक दिए गए हैं, आप इस लिंक के माध्यम से हिंदी के व्यंग्य आलेख पढ़े और शेयर करें।

हिंदी व्यंग्य लेखन | हास्य व्यंग्य कविता | Hindi Vyangya | Hasya Vyang

Hindi व्यंग्य

शरद जोशी के व्यंग्य नाटक

नागार्जुन की कविताओं में व्यंग्य

व्यंग्य के पुरोधा परसाई जी | Harishankar Parsai

हिन्दी व्यंग्य साहित्य की स्थिति और गति : Hindi Vyangya

कविता में व्यंग्य के प्रखर हस्ताक्षर दिनकर सोनवलकर

सुविख्यात व्यंग्यकार व आलोचक प्रो. बी. एल. आच्छा : जीवन परिचय

प्रभुजी, तुम डॉलर हम पानी : डॉ. सूर्यबाला के व्यंग्य का अंतर्पाठ

साहित्यराज युधिष्ठिर से पांच यक्ष-प्रश्न : बी.एल. आच्छा

एक स्ट्रेट फॉरवर्ड व्यंग्य : पंचायत

Email ke Dadaji : ईमेल के दादाजी

सरकार की उदारता : हिन्दी व्यंग्य

व्यंग्य : राजनीति के कोरियोग्राफर

व्यंग्य : गुलाबी चेहरों का कैक्टस शोर

पिताजी का डैडी संस्करण

टूल- किट की किट- किट

जरा फ्यूज़ उड़ाओ, चुनावी मौसम है

सदाबहार है कुर्सी-क्रोन: बी. एल. आच्छा

वेल इन टाइम से वेलेन्टाइन तक: बी. एल. आच्छा

आदमी को एडिट करते जीनोमाचार्य: बी. एल. आच्छा 

गुरु हाथ से ले गयो सत्रह नम्बर: बी. एल. आच्छा

समंदर और लहरों की राजनीति - बी. एल. आच्छा

नदी- नाले सेल्फी न खींचो श्याम

अपनी बात : व्यंग्यकार मुकेश राठौर

व्यंग्य : बिन सेवा के वो सात साल - मुकेश राठौर

हारे हुए नेताजी की पहली होली! - मुकेश राठौर

टाई में लगी एकेडमिक गांठ : बी.एल. आच्छा

शब्दों की खेती पर एमएसपी खरीद : बी. एल. आच्छा

व्यंग्य : किसी होटल में ले जाएं - बी. एल. आच्छा

बी. एल. आच्छा : मिसाइलों के गिल्ली डंडे - व्यंग्य

हिंदी व्यंग्य : मेरा मुण्डा सुधरा जाए - बीएल आच्छा

कॉलोनी कल्चर | Colony Culture | हिंदी व्यंग्य

हिंदी व्यंग्य : तुरपाई करो, सिलाई नहीं

चलो बाजार चलो, चाँद के पास चलो

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कस्बे-मोहल्ले की कवि गोष्ठी से लेकर ब्रह्मांडेशनल संगोष्ठी तक

राजनीतिक व्यंग्य: कौन आरेला है, कौन जारेला है, किसको पता!

Hindi Vyangya : रंग बदलते बादलों की आवाजाही

गणपति के मूषक, व्यंग्य की पौध और परिक्रमा में इंदौर

रहिमन हीरा अब कहे लाख टका मेरो मोल : हिन्दी व्यंग्य

सीख से रची नई लोकोक्ति : डीपी में फोटो रहे - बढ़ेगा आदर भाव

पसोपेश की स्थिति और नववर्ष का संकल्प : व्यंग्य आलेख

हे प्रभो! मुझे इस एवरेस्ट पर मत चढ़वा : हिन्दी व्यंग्य

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संधि-समासों में उलझा राजनीति का व्याकरण

सड़क संस्कृति का समाजशास्त्र : हिन्दी व्यंग्य

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